Numbers 2
1और ख़ुदावन्द ने मूसा और हारून से कहा कि 2 ”बनी-इस्राईल अपने-अपने ख़ेमे अपने-अपने झंडे के पास और अपने-अपने आबाई ख़ान्दान के ‘अलम के साथ ख़ेमा-ए-इज्तिमा’अ के सामने और उसके चारों तरफ़ लगाएँ। 3और जो पश्चिम की तरफ़ जिधर से सूरज निकलता है, अपने ख़ेमे अपने दलों के मुताबिक़ लगाएँ वह यहूदाह की छावनी के झंडे के लोग हों, और अम्मीनदाब का बेटा नहसोन बनी यहूदाह का सरदार हो; 4 और उसके दल के लोग जो शुमार किए गए थे वह सब चौहत्तर हजार छ: सौ थे। 5 और इनके क़रीब इश्कार के क़बीले के लोग ख़ेमे लगायें, और ज़ुग़र का बेटा नतनीएल बनी इश्कार का सरदार हो; 6 और उसके दल के लोग जो शुमार किए गए थे चव्वन हज़ार चार सौ थे। 7 फिर ज़बूलून का क़बीला हो, और हेलोन का बेटा इलियाब बनी ज़बूलून का सरदार हो; 8 और उसके दल के लोग जो शुमार किए गए थे वह सत्तावन हज़ार चार सौ थे। 9इसलिए जितने यहूदाह की छावनी में अपने-अपने दल के मुताबिक़ गिने गए वह एक लाख छियासी हज़ार चार सौ थे। पहले यही रवाना हुआ करें। 10 ”और दख्खिन की तरफ़ अपने दलों के मुताबिक़ रूबिन की छावनी के झंडे के लोग हों, और शदियूर का बेटा इलीसूर बनी रूबिन का सरदार हो; 11और उसके दल के लोग जो शुमार किए गए थे वह छियालीस हज़ार पाँच सौ थे। 12 और इनके क़रीब शमा’ऊन के क़बीले के लोग ख़ेमे लगायें, और सूरीशद्दी का बेटा सलूमीएल बनी शमा’ऊन का सरदार हो; 13 और उसके दल के लोग जो शुमार किए गए थे वह उनसठ हज़ार तीन सौ थे। 14फिर जद्द का क़बीला हो, और र’ऊएल का बेटा इलियासफ़ बनी जद्द का सरदार हो; 15 और उसके दल के लोग जो शुमार किए गए थे वह पैन्तालीस हज़ार छ: सौ पचास थे। 16 इसलिए जितने रूबिन की छावनी में अपने-अपने दल के मुताबिक़ गिने गए वह एक लाख इक्कावन हज़ार चार सौ पचास थे। रवानगी के वक़्त दूसरी नौबत इन लोगों की हो। 17 ”फिर ख़ेमा-ए-इजितमा’अ लावियों की छावनी के साथ जो और छावनियों के बीच में होगी आगे जाए और जिस तरह से लावी ख़ेमे लगाएँ उसी तरह से वह अपनी-अपनी जगह और अपने-अपने झंडे के पास-पास चलें। 18 ’और पश्चिम की तरफ़ अपने दलों के मुताबिक़ इफ़्राईम की छावनी के झंडे के लोग हों, और ‘अम्मीहूद का बेटा इलीसमा’ बनी इफ़्राईम का सरदार हो; 19 और उसके दल के लोग जो शुमार किए गए थे, वह चालीस हज़ार पाँच सौ थे। 20 और इनके क़रीब मनस्सी का क़बीला हो, और फ़दाहसूर का बेटा जमलीएल बनी मनस्सी का सरदार हो; 21 उसके दल के लोग जो शुमार किए गए थे बत्तीस हज़ार दो सौ थे। 22 फिर बिनयमीन का क़बीला हो, और जिद’औनी का बेटा अबिदान बनी बिनयमीन का सरदार हो; 23 और उसके दल के लोग जो शुमार किए गए थे वह पैंतीस हज़ार चार सौ थे। 24 इसलिए जितने इफ़्राईम की छावनी में अपने-अपने दल के मुताबिक़ गिने गए वह एक लाख आठ हज़ार एक सौ थे। रवाना के वक़्त तीसरी नौबत इन लोगों की हो। 25 ’और शिमाल की तरफ़ अपने दलों के मुताबिक़ दान की छावनी के झंडे के लोग हों और ‘अम्मीशद्दी का बेटा अख़ी ‘अज़र बनी दान का सरदार हो; 26 और उसके दल के लोग जो शुमार किए गए थे, वह बासठ हज़ार सात सौ थे। 27 इनके क़रीब आशर के क़बीले के लोग ख़ेमे लगाएँ, और ‘अकरान का बेटा फ़ज’ईएल बनी आशर का सरदार हो; 28 और उसके दल के लोग जो शुमार किए गए थे वह, इकतालीस हज़ार पाँच सौ थे। 29फिर नफ़्ताली का क़बीला हो, और ‘एनान का बेटा अख़ीरा’ बनी नफ़्ताली का सरदार हो; 30और उसके दल के लोग जो शुमार किये गए, वह तिरपन हज़ार चार सौ थे। 31 फिर जितने दान की छावनी में गिने गए वह एक लाख सत्तावन हज़ार छ: सौ थे। यह लोग अपने-अपने झंडे के पास-पास होकर सब से पीछे रवाना हुआ करें।” 32 बनी-इस्राईल में से जो लोग अपने आबाई ख़ान्दानों के मुताबिक़ गिने गए वह यही हैं; और सब छावनियों के जितने लोग अपने-अपने दल के मुताबिक़ गिने गए वह छः लाख तीन हज़ार पाँच सौ पचास थे। 33 लेकिन लावी जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म किया था, बनी-इस्राईल के साथ गिने नहीं गए। इसलिए बनी-इस्राईल ने ऐसा ही किया और जो-जो हुक्म ख़ुदावन्द ने मूसा को दिया था उसी के मुताबिक़ वह अपने-अपने झंडे के पास और अपने आबाई ख़ान्दानों के मुताबिक़, अपने-अपने घराने के साथ ख़ेमे लगाते और रवाना होते थे। 34
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