‏ Psalms 29

परमेश्‍वर की आवाज़

दाऊद का भजन

1हे परमेश्‍वर के पुत्रों, यहोवा का,
हाँ, यहोवा ही का गुणानुवाद करो,
यहोवा की महिमा और सामर्थ्य को सराहो।
2यहोवा के नाम की महिमा करो;
पवित्रता से शोभायमान होकर यहोवा को दण्डवत् करो।

3यहोवा की वाणी मेघों के ऊपर सुनाई देती है; प्रतापी परमेश्‍वर गरजता है,
यहोवा घने मेघों के ऊपर रहता है। (अय्यूब 37:4-5)
4यहोवा की वाणी शक्तिशाली है,
यहोवा की वाणी प्रतापमय है।
5यहोवा की वाणी देवदारों को तोड़ डालती है;
यहोवा लबानोन के देवदारों को भी तोड़ डालता है।

6वह लबानोन को बछड़े के समान और सिर्योन को सांड के समान उछालता है।
7यहोवा की वाणी आग की लपटों को चीरती है*।
8यहोवा की वाणी वन को हिला देती है,
यहोवा कादेश के वन को भी कँपाता है।

9यहोवा की वाणी से हिरनियों का गर्भपात हो जाता है। और जंगल में पतझड़ होता है;
और उसके मन्दिर में सब कोई
“महिमा ही महिमा” बोलते रहते है।
10जल-प्रलय के समय यहोवा विराजमान था;
और यहोवा सर्वदा के लिये राजा होकर
विराजमान रहता है।

11यहोवा अपनी प्रजा को बल देगा; यहोवा अपनी प्रजा को शान्ति की आशीष देगा*।

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